tag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post8240612807275650655..comments2023-10-22T04:03:46.414-07:00Comments on निविया (Nivia): बस सात फेरे और तुम मेरेनीलिमा शर्मा Neelima Sharma http://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-36542871500827527882014-05-11T09:15:48.663-07:002014-05-11T09:15:48.663-07:00और हम यु ही कभी ख़ुशी से
कभी उदासी से
इन रिश्तो को ...और हम यु ही कभी ख़ुशी से<br />कभी उदासी से<br />इन रिश्तो को ढोते रहेंगे<br />ढोते रहेंगे ....<br />---- बस यह अहसास , यह सोच ,यह समझ ..'ढोना'...ही सारे फसाद की जड़ है जी ....यदि इसेखुशी-खुशी 'जीना ' में बदल दिया जाय तो सब ठीक होजाता है ...और यह दोनों ओर का प्रयास है ....<br />--- वर्तनी की अशुद्धियों का ध्यान रखें...डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-82567518677344876512014-03-08T17:39:45.414-08:002014-03-08T17:39:45.414-08:00बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट (DREAMS ALS...बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट (DREAMS ALSO HAVE LIFE) पर आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-39747271418028144982014-03-03T22:22:27.511-08:002014-03-03T22:22:27.511-08:00एक रीत जो समाज, बल्कि पूरी दुनिया में बनी हुई है व...एक रीत जो समाज, बल्कि पूरी दुनिया में बनी हुई है वो तो रहेगी ... उसको भेदना बहुत ही मुश्किल है ... रिश्तों को इसलिए प्रेम से, आस्था से, विश्वास से संजोना जरूरी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-46270721226975552722014-03-03T08:32:21.376-08:002014-03-03T08:32:21.376-08:00बहुत सुंदर......बहुत सुंदर......कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-43696619944714804542014-03-03T07:20:15.685-08:002014-03-03T07:20:15.685-08:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (04-03-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "कभी पलट कर देखना" (चर्चा मंच-1541) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-90021223026609039692014-03-03T06:21:08.432-08:002014-03-03T06:21:08.432-08:00ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन ट्रेन छूटे तो २ घं...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/03/blog-post_3.html" rel="nofollow"> ट्रेन छूटे तो २ घंटे मे ले लो रिफंद, देर हुई तो मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू</a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4951851463945934462.post-9682610730228426582014-03-03T02:07:01.695-08:002014-03-03T02:07:01.695-08:00बहुत सुंदर लिखा नीलिमा ....बधाई बहुत सुंदर लिखा नीलिमा ....बधाई रमा शर्मा, जापानhttps://www.blogger.com/profile/04986901192837546697noreply@blogger.com