मैं अतीत के पन्ने नही पढ़ती ..........
क्यों देखना मुढ़ कर
पीछे
अतीत को
जिसके
होने से
चुभती हैं किरचे
ख्यालो में भी
और दर्द
उभर जाता हैं
ख्वाबो में भी
मैं अतीत के पन्ने
नही पढ़ती
दर्द से भीगे
अक्षर
घसीट ते हैं
मुझे
तन्हाइयो मैं
न मैं कोई अमृता हूँ
न कोई इमरोज़ मेरे
आस- पास
मैं हूँ बस मैं ही हूँ
मुझे जीना हैं
बस यही
वर्तमान में .........
मैं अतीत के पन्ने
नही पढ़ती ..........
नीलिमा
पीछे
अतीत को
जिसके
होने से
चुभती हैं किरचे
ख्यालो में भी
और दर्द
उभर जाता हैं
ख्वाबो में भी
मैं अतीत के पन्ने
नही पढ़ती
दर्द से भीगे
अक्षर
घसीट ते हैं
मुझे
तन्हाइयो मैं
न मैं कोई अमृता हूँ
न कोई इमरोज़ मेरे
आस- पास
मैं हूँ बस मैं ही हूँ
मुझे जीना हैं
बस यही
वर्तमान में .........
मैं अतीत के पन्ने
नही पढ़ती ..........
नीलिमा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - सोमवार -02/09/2013 को
जवाब देंहटाएंमैंने तो अपनी भाषा को प्यार किया है - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः11 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
शुक्रिया दर्शन जी हमारी रचना सम्मान देने का
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज सोमवार (02-09-2013) को प्रभु से गुज़ारिश : चर्चामंच 1356 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शुक्रिया शास्त्री जी मेरी रचना को सम्मान देने का
हटाएंबिलकुल कुछ अतीत भूल जाने लायक ही होता है
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शोर्य मलिक जी
हटाएंसच तो यही है की लोग या तो अतीत में जीते हैं या भविष्य की चिंता में .... वर्तमान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं ... अगर वर्तमान को जी लें तो शायद सुखी रहें ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संगीता जी
हटाएंबहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अनुराग जी
हटाएंअरुण जी मेरे लिखे शब्दों को इतना मान देने के लिया आपका आभार
जवाब देंहटाएंशुक्रिया यशोदा जी मेरे लिखे लफ्जों को सम्मानित करने के लिय
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जवाब देंहटाएंदुखदायी अतीत को भूल जाना ही शेयास्कर है ..बहुत बढ़िया।
latest post नसीहत
शुक्रिया कालिपद प्रसाद जी
हटाएंबहुत उम्दा रचना।
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
शुक्रिया मदन जी .अवश्य
हटाएंबहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
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