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नववर्ष की पूर्व संध्या

दिसम्बर की आखिरी पूरी रात

व्यर्थ गया उसका बलिदान

अपनी अपनी जिन्दगी

सपने झूठे होते हैं सुबह के.........

tum -hum

विवेक हीन पल

उम्मीद

यादे !!!

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आंसू के चंद कतरे

त्रिवेणी

चीखे !!

आज मैं चुप हूँ

मिटटी की गुडिया

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तुझ में रब दिखता हैं यारा मैं क्या करू ???

एक जंग लगा पिन

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श्रृंगार किये दुल्हन

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गिरह , गांठे

हिंदी अनुवाद सहित पंजाबी नज़्म

यूं ही चलते चलते

यतार्थ /पलायन

कहो तुम

बिखरते अस्तित्व

तन्हाई की उम्र

अब कौन लिखेगा वक़्त के होंठो पर प्रेम गीत

हिंदी माँ/अग्रेजी बहू