सुबह से
मुह अँधेरे
काम करती माँ
नाश्ता बनाने से
टिफ़िन पैक करने तक
शाम तलक
बिखरा
घर सम्हालती माँ
रात की सब्जी से
सुबह पहने जाने वाले
कपड़ो की प्रेस्सिंग तक
फिर भी
घर चलाते हैं
आजकल के बेटे / बहु
अपनी कमाई से
सुविधाए जो दे रहे माँ- बाप को
शहर में ए। सी, टेलीविज़न और कार तक
इस से अच्छे वफादार ताले / कामगार कहा मिलेंगे ..........
नीलिमा शर्मा
मुह अँधेरे
काम करती माँ
नाश्ता बनाने से
टिफ़िन पैक करने तक
शाम तलक
बिखरा
घर सम्हालती माँ
रात की सब्जी से
सुबह पहने जाने वाले
कपड़ो की प्रेस्सिंग तक
फिर भी
घर चलाते हैं
आजकल के बेटे / बहु
अपनी कमाई से
सुविधाए जो दे रहे माँ- बाप को
शहर में ए। सी, टेलीविज़न और कार तक
इस से अच्छे वफादार ताले / कामगार कहा मिलेंगे ..........
नीलिमा शर्मा