अभी अभी
ख्यालों में आ गया हैअभी
हम सितारा समझ रहे थे उसे
चाँद था वो, पता चला है अभी
तिश्नगी बढ़ गई है दुनिया की
पर्दा पलकों का क्यों उठा है अभी
क्या पता उसको बे-बसी मेरी
चांदनी में जो हंस रहा है अभी
गमज़दा हूँ मैं तेरी यादों से
फिर भी यादों का आसरा है अभी
इक नज़र देख लेते जी भर कर
वक़्त-ए-रुखसत ये इल्तिजा है अभी
और कुछ भी न पूछए साहब
नीलिमा सिर्फ नाम है अभी
बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंshukriya kailash ji
हटाएंबहुत खूबसूरत नाम है
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल
shukriyaa vibha ji
हटाएंबहुत खूबसूरत नाम है
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [08.07.2013]
जवाब देंहटाएंचर्चामंच 1300 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
meri post ko shamil karne ke liy aapka dhanywaad Sarita ji
हटाएंखूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंThank u Sangeeta ji
हटाएंsunder rachna...
जवाब देंहटाएंThank u Poonam ji
हटाएंनीलिमा सिर्फ नाम नहीं है जी.....
जवाब देंहटाएंमशहूर नाम है :-)
अनु
hahahah nhi sada ji abhi aisa kuch nhi abhi to ham seekh rahe hain gazal likhna yeh ek pryaas hain bas ....shukriyaa aapka
हटाएंखूबशूरत अहसास
जवाब देंहटाएंshukriya aziz saheb
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बधाई आपको .
जवाब देंहटाएंThank u Madan ji
हटाएंनीलिमा नाम बिलकुल नहीं है. सुंदर गज़ल.
जवाब देंहटाएंबधाई.
shukriya Rachna ji
हटाएंनीलिमा एक नाम भर नहीं है ना रहेगा. सुंदर भावपूर्ण गज़ल.
जवाब देंहटाएंshukriyaa Rachna ji
हटाएंएक वक्त देख लेते रुखसत पर..........
जवाब देंहटाएंबहोत खूब ।
shukriya ASHA JI
हटाएंवाह बहुत ही सुंदर,
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारे ,
रिश्तों का खोखलापन
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html
SHUKRIYA SHORYA JI .........JARUR AAPKA BLOG BHEE PADENGE HAM
हटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंTHANK SU ..MAN
हटाएंThank U Sriram ji
जवाब देंहटाएंThank u Yashoda ji meri post ko shamil karne ka .
जवाब देंहटाएंकिस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही नीलिमा जी
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-