सृष्टि का अंत हैं
इश्वर तू अनंत हैं
तम हैं अंतस में
आलोक की तलाश में ........" आवाज़ दे कहाँ है
हस्तिनापुर सा बना भारत
कोरवो की भीड़ हैं
दुर्योधन अनेक रूप में
पांड्वो की तलाश हैं ....................." आवाज़ दे कहाँ है
शुभ- निशुम्भ भी
तो महिषसुर भी यहाँ
रक्तबीज अनेक हैं
बस शक्ति की तलाश हैं ...." आवाज़ दे कहाँ है
रावण हैं यहाँ तो मेघनाद भी
कुम्ब्करण की तरह सोता समाज हैं
सीता का हरण होता हर रात हैं
एक राम की तलाश हैं ..................." आवाज़ दे कहाँ है
ज्योतिमय पुंज बनो
तम को तुम हरो
आलोकित अंतस करो
मेरे प्यारे रब हमें उस
एक चमत्कार की तलाश हैं.............." आवाज़ दे कहाँ है
इश्वर तू अनंत हैं
तम हैं अंतस में
आलोक की तलाश में ........" आवाज़ दे कहाँ है
हस्तिनापुर सा बना भारत
कोरवो की भीड़ हैं
दुर्योधन अनेक रूप में
पांड्वो की तलाश हैं ....................." आवाज़ दे कहाँ है
शुभ- निशुम्भ भी
तो महिषसुर भी यहाँ
रक्तबीज अनेक हैं
बस शक्ति की तलाश हैं ...." आवाज़ दे कहाँ है
रावण हैं यहाँ तो मेघनाद भी
कुम्ब्करण की तरह सोता समाज हैं
सीता का हरण होता हर रात हैं
एक राम की तलाश हैं ..................." आवाज़ दे कहाँ है
ज्योतिमय पुंज बनो
तम को तुम हरो
आलोकित अंतस करो
मेरे प्यारे रब हमें उस
एक चमत्कार की तलाश हैं.............." आवाज़ दे कहाँ है
nice prayer
जवाब देंहटाएंshukriya Shastri jee
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