andhere or tum
तुम को पता है न
मुझे अँधेरे से दर लगता हैं
काली राते मुझे सताती हैं
स्याह अँधेरा मुझे समेट लेता हैं
अपने भीतर पंजो में दबोचकर
और मैं डर कर
छिप जाती थी तुम्हारी आगोश में
आज मैं अकेली हूँ
निपट अकेली
स्याह अँधेरे हैं अमावस के
जो मुझे खिंच रहे हैं
अपने भीतर
मैं चीख रही हूँ
बेहताशा
पर कोई सुन नही पता मेरी आवाज़ को
तुमने तो कहा था
तुम दोजख तक मेरा साथ दोगे
मेरे दमन मे लगी आग बूझो दो गे
आज मैं घिरी हुयी हूँ इस दुनिया में
आवाजों/तानो/तंजो उलाहनो में
कसूरवार हूँ बेकसूर होकर भी
और तुम!!!
तुमने मुझे अँधेरे में रखा
अब
मुझे अंधेरो की आदत होने लगी हैं
मैंने तो सिर्फ मोहब्बत की थी उजाले से
तुमने तो अँधेरे से भी बेवफाई की हैं ......
मुझे अँधेरे से दर लगता हैं
काली राते मुझे सताती हैं
स्याह अँधेरा मुझे समेट लेता हैं
अपने भीतर पंजो में दबोचकर
और मैं डर कर
छिप जाती थी तुम्हारी आगोश में
आज मैं अकेली हूँ
निपट अकेली
स्याह अँधेरे हैं अमावस के
जो मुझे खिंच रहे हैं
अपने भीतर
मैं चीख रही हूँ
बेहताशा
पर कोई सुन नही पता मेरी आवाज़ को
तुमने तो कहा था
तुम दोजख तक मेरा साथ दोगे
मेरे दमन मे लगी आग बूझो दो गे
आज मैं घिरी हुयी हूँ इस दुनिया में
आवाजों/तानो/तंजो उलाहनो में
कसूरवार हूँ बेकसूर होकर भी
और तुम!!!
तुमने मुझे अँधेरे में रखा
अब
मुझे अंधेरो की आदत होने लगी हैं
मैंने तो सिर्फ मोहब्बत की थी उजाले से
तुमने तो अँधेरे से भी बेवफाई की हैं ......
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (27-05-2013) के
सोमवारीय गुज़ारिश :चर्चामंच 1257 में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
shukriyaa shastree ji
हटाएंआपने लिखा....
जवाब देंहटाएंहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 29/05/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
THNK U YASHODA
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंTHNK U Aruna ji
हटाएंवाह ...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंshukriyaa vandana ji
हटाएंबहुत खूब रचना |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
अंधेरे अक्सर डराते हैं ...
जवाब देंहटाएंएहसास लिए रचना ...
वाह ,बेह्तरीन
जवाब देंहटाएं