Bindi






कितनी ओल्ड फैशंड हो तुम 
इत्ती बड़ी सी बिंदी लगाती हो !!!
कल सरे राह चलते चलते 
कह गयी एक महिला 
जिसकी आँखों पर पर तो 
ढेर सारा काजल था पर 
माथा सूना सा 
नही जानती वोह 
बिंदी का फैशन से क्या लेना 
यह जज्बात हैं 
मेरे उनसे जुड़ जाने के
उनके मेरे हो जाने के
बिंदी मेरी
उनको याद दिलाती हैं
हरदम
जल्दी घर लौट कर आने की
बिंदी मेरी याद दिलाती हैं सबको
मेरे सुहागन होने की
मुझे याद रहता हैं सुबह सुबह
लाल बिंदिया से माथे को सजाना
और बिंदिया में \
मैं पा लेती हूँ अपने और उनके
एक होने की जुबानी को
मुझे प्यार हैं अपनी बिंदिया से
अपने आउट डेटेड होने से .............................Neelima Sharrma


टिप्पणियाँ

  1. दीदी
    शुभ प्रभात
    अप्रतिम रचना
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. मुझे प्यार हैं अपनी बिंदिया से अपने आउट डेटेड होने से .....
    मुझे भी प्यार था अपनी बिंदिया से
    नाज़ था अपने आउट डेटेड होने से ....
    ढेरों शुभकामनाएं और अनेकों आशीर्वाद ....

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर ख्याल संजोये हैं।

    जवाब देंहटाएं
  4. किसी के कहने से कुछ नहीं होता बस जो अच्छा लगे वही करना चाहिए ..सबका अपना अपना नजरिया है ..
    बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं

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