हिंदी अनुवाद सहित पंजाबी नज़्म
इक याद तेरी ने वर्का फोल्या
इक याद मेरी ने स्याही लिती
कुछ कुछ यादा तेरिया सी
मिठियां मीठियाँ
कुछ यादां मेरियां सी
सौंधी जी अलसाई सी
वे रान्झेया
इक बारी वेल्ली रखी
तेरे मेरे विचोड़े ने
अथरू भर भर के
अँखियाँ इच
लिखे ने
पोथियाँ हजार
अज हिज्र ने
तेरे मेनू
कमली कित्ता
आज चाड दितियाना ने खड्डी ते
सारियां यादा
बन'न लई
एक दुशाला इश्क इच प्हीजे हुर्फा नाल .............
लोड मेनू तेरी निग दी ...नीलिमा
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हिंदी अनुवाद
एक याद तेरी ने पन्ना खोला
एक याद मेरी ने स्याही ली
कुछ यादे तेरी थी
मीठी मीठी
कुछ यादे मेरी थी
सौंधी सी ,अलसाई सी
ओ राँझा (प्रिय)
एक अलमारी खाली रखना
तेरे मेरे विरह ने
आंसू भर भर कर
आँखों में
लिखी हैं
किताबे हजार
तेरे विरह ने
मुझे
पागल किया हैं
आज मैंने खड्डी ( कपडा बन'ने की मशीन ) पर
चढा दी हैं सारी यादे
बन'ने के लिय
प्यार से भीगे शब्दों का
शाल
मुझे जरुरत हैं
तेरे प्यार की गर्मी की ...................... नीलिमा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - शुक्रवार - 11/10/2013 को माँ तुम हमेशा याद आती हो .... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः33 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
जवाब देंहटाएंआभार दर्शन जी
हटाएंआपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
जवाब देंहटाएंइक याद तेरी ने वर्का फोल्या
इक याद मेरी ने स्याही लिती
कुछ कुछ यादां तेरिया सी
मिठियां मीठियाँ
शनिवार 12/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
aabhar yashodaa ji
हटाएंबहुत सुन्दर नीलिमा जी ,पंजाबी मीठी जुबान दा जबाब नहीं .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : मंदारं शिखरं दृष्ट्वा
नई पोस्ट : प्रिय प्रवासी बिसरा गया
नवरात्रि की शुभकामनाएँ .
shukriyaa Rajeev ji
हटाएंबहुत खुबसूरत है नीलिमा जी !
जवाब देंहटाएंलेटेस्ट पोस्ट नव दुर्गा
Shukriyaa Kaalipad ji
हटाएंबहुत सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंshukriya vandana ji
हटाएंshukriyaa shastree ji
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