क्या संबोधन दू?
आप......
फिर एक बड़प्पन सा
पसरा रहेगा उम्र भर हमारे मध्य
हिचक सी रहेगी कुछ भी कहने में
आप......
फिर एक बड़प्पन सा
पसरा रहेगा उम्र भर हमारे मध्य
हिचक सी रहेगी कुछ भी कहने में
.
.
.
.
तुम!!
नया सा है हमारा सम्बन्ध
फिर एक खुलापन
सा रहेगा इसमें
बिंदास सा हो जायेगा रिश्ता
हमारा .
.
.
.
. तू
इसमें नकारात्मकता है
नही ऐसे तो में कभी नही
हो पाऊंगी तुम्हारी
न ही तुम मेरे
तो अब क्या हो ?
में नाम से पुकारूंगी
आप भी मेरा कोई नाम रख लो
अपना अपना वजूद लिए हम
उम्र भर रहेगे एक दुसरे के
इस आप. तुम .तू की ओपचारिकता में क्यों पड़ना ?.........नीलिमा
.
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कस्तूरी में प्रकाशित एक रचना
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तुम!!
नया सा है हमारा सम्बन्ध
फिर एक खुलापन
सा रहेगा इसमें
बिंदास सा हो जायेगा रिश्ता
हमारा .
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. तू
इसमें नकारात्मकता है
नही ऐसे तो में कभी नही
हो पाऊंगी तुम्हारी
न ही तुम मेरे
तो अब क्या हो ?
में नाम से पुकारूंगी
आप भी मेरा कोई नाम रख लो
अपना अपना वजूद लिए हम
उम्र भर रहेगे एक दुसरे के
इस आप. तुम .तू की ओपचारिकता में क्यों पड़ना ?.........नीलिमा
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कस्तूरी में प्रकाशित एक रचना
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
जवाब देंहटाएंपोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
Shukriya Madan mohan jee
जवाब देंहटाएंFine
जवाब देंहटाएंThank u Sushil jee
जवाब देंहटाएंnice
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