एक स्त्री -दो मन
कल जाना हैं तुमने
प्रिय !!
और मैं तुम्हारे साथ जाऊंगी
तुम्हारे प्राण बनकर
सिर्फ मेरी देह यहाँ होगी
अपने कर्तव्य -पालन करती सी
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मैं हूँ ना
मैं माँ- भी
मैं पिता भी
उनकी अनुपस्तिथि मैं
बेटा !!!
एक दुसरे का संबल बन
जी ले लेंगे उनके बिना
सोमवार से शनिवार की दूरी
समझ सकती हूँ ......... बहुत वर्षों तक महसूस किया है .......... कभी पति परदेश ,कभी बेटा विदेश .... कभी पति विदेश ,कभी बेटा परदेश ....
जवाब देंहटाएंएक मन भाई-भतीजा में भी लगा होता है :))
बहुत उम्दा,
जवाब देंहटाएंVibha ...... thnk u dear
जवाब देंहटाएंshukriya Madan jee
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