Nadi
कभी देखा हैं
तुमने नदी को
अनवरत बहती हैं
कभी रूकती नही
जीवन देती सी
अबाध चलती हैं
और तुम बादल से
तुमने नदी को
अनवरत बहती हैं
कभी रूकती नही
जीवन देती सी
अबाध चलती हैं
और तुम बादल से
कभी इतना बरस
जाते हो उस पर
कि वोह मजबूर हो जाती हैं
तबाही को .
मैं नदी नही हूँ
बस इतना याद रहे ........
जाते हो उस पर
कि वोह मजबूर हो जाती हैं
तबाही को .
मैं नदी नही हूँ
बस इतना याद रहे ........
धमकी समझ में आ जाये तो अच्छा होगा !!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !!
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जवाब देंहटाएंवाह .बहुत उम्दा,
जवाब देंहटाएंThank u so much Vibha
जवाब देंहटाएंThank u so much Madan saxena jee
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