शर्म उदासी को आती नही
जरा सी भी
कोहरे की तरह
अड़ियल
मेरे घर के बाहर खड़ी हैं .
बंद रखे हैं मैंने
दरवाज़े कसकर
पर खिद्द्कियो से उसके
आने की थाप सुनी हैं ......neelima
Sharam Udaasi Ko
Aati Nhi Jara Si Bhee
Kohre Ki Trah
Adiyal
Mere ghar ke bahar khadi hain
band rakhe hain maine
darwaze kaskar
par khidkiyo se
uske aane ki
जरा सी भी
कोहरे की तरह
अड़ियल
मेरे घर के बाहर खड़ी हैं .
बंद रखे हैं मैंने
दरवाज़े कसकर
पर खिद्द्कियो से उसके
आने की थाप सुनी हैं ......neelima
Sharam Udaasi Ko
Aati Nhi Jara Si Bhee
Kohre Ki Trah
Adiyal
Mere ghar ke bahar khadi hain
band rakhe hain maine
darwaze kaskar
par khidkiyo se
uske aane ki
बेशर्मों को लाज कहाँ?
जवाब देंहटाएंनव वर्ष 2013 की मंगल कामना
बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.
सोच में हूँ क्या लिखू .......
जवाब देंहटाएंउदासी बाहर खिड़की - दरवाजे से आती है ..... ये भाव तो मन के अन्दर होते हैं न ....... ??
नववर्ष 2013 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंMadan mohan jee .Shstri jee nav varsh aapke liy bhee shubh ho
जवाब देंहटाएंMadan mohan jee .Shstri jee nav varsh aapke liy bhee shubh ho
जवाब देंहटाएंThnk u Vibha jee
जवाब देंहटाएंRakesh jee main samjhi nhi aapke comment ka matlab
जवाब देंहटाएं