तुम स्वतंत्र हो
नारी तुम स्वतंत्र हो
तुम छोटी हो अभी !
घर से बाहर नही जाना !!
तुम बड़ी हो रही हो !
बाहर मत जाओ अकेले !!
इतनी बड़ी हो गयी हो !!!
बाहर कैसे जाओगी ?
तुम नयी नवेली हो !!
अभी बाहर नही जाना !!!
तुम माँ हो तुम बाहर रहोगी !!
बच्चे क्या सीखेंगे ?
तुम घर रहो !!
बच्चे है न , बाहर जाने को !!
उम्र का यह पड़ाव !
चैन नही इस उम्र में भी !!!
नारी तुम स्वतंत्र हो
जाओ
आजादी को अनुभव करो
वर्जनाओ से ..........
नीलिमा शर्मा
kisne kaha naari tum partantra ho...
जवाब देंहटाएंtum swatantra the, swantantra ho..:)
shukriya mukesh jee
हटाएंसही बात कह आपने | बढ़िया रचना |
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग को यहाँ शामिल किया गया है | जरूर पधारें |
ब्लॉग"दीप"
sure sir ...shukriya
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंवन्देमातरम् !
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
thank u sir
जवाब देंहटाएंआज़ादी का अनुभव नारी के लिए जाने कब... सुन्दर प्रस्तुति, शुभकामनाएँ.
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