कविता तो मेरी सांसो में
"एक साँस मेरी "
हाँ !!!
मेरी पहली पुस्तक का नाम हैं
परन्तु उस में लिखे भाव
मेरी सांसो का
जो रिश्ता हैन
तुम्हारी सांसो से
उस से संदर्भित हैं
"कस्तूरी "
मैं महक हैं
मेरे लफ्जों की
सरगोशी कर जाते हो
जो तुम आते जाते
और पुलकित हो उठता हैं
मेरा तन मन
"शब्दों की चहलकदमी "
मेरे लफ्ज़ जब बैचैन हो उठते हैं
तुम बिन
और बरस जाते हैं वियोगी होकर
मेरी आँखों से / भावो से
और तुम संबल बन
थाम लेते हो मुझे
हर राह पर
"पगडंडियाँ"
छोटे छोटे लफ्जों के रास्ते
जब मैंने कदम बदाये
शब्दों के जंगल में
तुम हाथ थाम कर मेरा
मुझे मंजिल तक
ले जाने को आतुर हो
कितना प्यार है तुम्हे मुझसे यूँ भी
मेरी साँसें तुम्हारी ऋणी है क्यूँ की
और
तुम जानते हो न
नज्म/ग़ज़ल मेरी आँखों में हँसती हैं
.और कविता तो मेरी सांसो में बस ती हैं Neelima Sharma
("एक साँस मेरी " "कस्तूरी " "शब्दों की चहलकदमी " "पगडंडियाँ"मेरी साँझा काव्य संग्रह के नाम हैं )
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी .बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआप का बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति,आभार.
जवाब देंहटाएंआप का बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंअनुपम भाव संयोजन ...
जवाब देंहटाएंआभार
आप का बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंsundar
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