( उसकी वोह जाने ..मेरी मैं ).
एक फोटो महबूब की
कुछ सांसे महकी
कुछ धड़कन बहकी
कुछ नशा
अनकहे
अनबोले
लफ्ज़ का
एक छुवन
कवारे जज्बात की
और जाम भर गया
लबालब प्यार से
और
मन भर चला
उड़ान
क्षितिज तलक
सुवासित हर कोना
देह /दिल का
घूँट घूट कर
नशा करते जाम में
फुसफुसाती उसकी
कुछ नज़्मे
नही पता था
छु जाएगा , उसकी
नशीली आँखों का
जाम
भिगो जायेगा मुझे
इतने करीब से
कि
उसकी सरगोशियां
भर देगी संगीत
रूह में
और देर तक जलता रहेगा
वजूद मेरा
उसके नशे में
लो मैंने जाम तोड़ दिया
अतीत का
नए की तलाश में
और वोह ???
( उसकी वोह जाने ..मेरी मैं )......नीलिमा
कुछ सांसे महकी
कुछ धड़कन बहकी
कुछ नशा
अनकहे
अनबोले
लफ्ज़ का
एक छुवन
कवारे जज्बात की
और जाम भर गया
लबालब प्यार से
और
मन भर चला
उड़ान
क्षितिज तलक
सुवासित हर कोना
देह /दिल का
घूँट घूट कर
नशा करते जाम में
फुसफुसाती उसकी
कुछ नज़्मे
नही पता था
छु जाएगा , उसकी
नशीली आँखों का
जाम
भिगो जायेगा मुझे
इतने करीब से
कि
उसकी सरगोशियां
भर देगी संगीत
रूह में
और देर तक जलता रहेगा
वजूद मेरा
उसके नशे में
लो मैंने जाम तोड़ दिया
अतीत का
नए की तलाश में
और वोह ???
( उसकी वोह जाने ..मेरी मैं )......नीलिमा
Ek nigaah se hum khareed le unhe, jinhe badha naaz hai ke woh bikte nahi...
जवाब देंहटाएंACHCHA LIKHA AAPNE
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक और स्पष्ट भाव .....
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंएक छुवन
कवारे जजबात की.....
और मन भर चला
आपकी यह रचना प्रभावित कर गई
सादर
thnk u so much
हटाएंउसकी वोह जाने .... और मेरी मैं ....
जवाब देंहटाएंबेहद सशक्त भाव
thnk u so much
हटाएंbe-misaal ............
जवाब देंहटाएंthnk u so much
हटाएंNice one...
जवाब देंहटाएंthnx a lot
जवाब देंहटाएंखूबसूरत एहसास ।
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