तुम खुश तो हो न सोना
शाम का वक़्त हैं
और मैं यहाँ तनहा
तुम्हारी यादो के संग हूँ
आलू के पराठो की सोंधी सुगंध
तुम्हारा जल्दी से आना
शाम को तुम्हारी सहेली का इर्द- गिर्द होना
विपरीत रास्ता होने पर भी
अब तुम दूर देश में
अपने अपने के साथ
जब बनाती होगी
मजबुरिया क्या नही करवाती सोना
जानती हो सामने वाली बेंच पर
एक जोड़ा खा रहा हैं लंच बॉक्स से
मसालेदार आलू के पराठे
और मैं यहाँ तनहा
तुम्हारी यादो के संग हूँ
आलू के पराठो की सोंधी सुगंध
तुम्हारा जल्दी से आना
और कहना
लंच टाइम हैं
जल्दी जाना होगा
शाम को मिलती हूँ
कहकर मुझे बहलाना!
लंच टाइम हैं
जल्दी जाना होगा
शाम को मिलती हूँ
कहकर मुझे बहलाना!
शाम को तुम्हारी सहेली का इर्द- गिर्द होना
विपरीत रास्ता होने पर भी
मेरा भीड़ में
बस पर तुम्हारे साथ चढ़ जाना
बस पर तुम्हारे साथ चढ़ जाना
और महसूस करना
उस रस्ते भर तुम्हारी खुशबू
उस रस्ते भर तुम्हारी खुशबू
और महक को
भर लेता था अंतर्मन में
भर लेता था अंतर्मन में
करवटे बदल कर
रात गुजर जाती थी
सुबह के इंतज़ार में
रात गुजर जाती थी
सुबह के इंतज़ार में
एक बार फिर से
लंच टाइम के इंतज़ार में
अब तुम दूर देश में
अपने अपने के साथ
जब बनाती होगी
मसालेदार आलू के पराठे
और लगाती होगी ठहाके
तो कही न कही
जरुर कसकता होगा
मेरा प्यार
और लगाती होगी ठहाके
तो कही न कही
जरुर कसकता होगा
मेरा प्यार
और तुम मेरे नाम से भी
एक कौर
जरुर खाती होगी
मजबुरिया क्या नही करवाती सोना
जानती हो सामने वाली बेंच पर
एक जोड़ा खा रहा हैं लंच बॉक्स से
मसालेदार आलू के पराठे
खुशबू सारे माहौल में हैं
पराठो की भी
उनकी मोहब्बत की भी
पर .......क्या?
फिर से एक नया इतिहास लिखा जायेगा
और कोई मेरी तरह ऐसे ही
पेड़ के नीचे यादो में खो जायेगा
फिर से एक नया इतिहास लिखा जायेगा
और कोई मेरी तरह ऐसे ही
पेड़ के नीचे यादो में खो जायेगा
चलो जाने दो !!
तुम खुश तो हो न सोना
मैंने तो आलू के पराठे खाने ही छोड़ दिए ................नीलिमा
तुम खुश तो हो न सोना
मैंने तो आलू के पराठे खाने ही छोड़ दिए ................नीलिमा
bahut achchi kavita
जवाब देंहटाएंthank u Shanti ji
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