:( मीठी हो गयी हूँ मैं ...........
मुझे जरा भी पसंद नही
यह मीठा भोजन
यह बर्फी , सन्देश
लड्डू रसमलाई
कभी लुभा न पायी
नकली मीठे शब्द
मुझसे कभी बोले न गये
सीधी सच्ची खरी बात
मेरे लफ्जों से निकली
तुमको हमेशा एतराज रहा
मेरी इन्ही दोनों बातो पर
तुम्हारी जिद मीठा खिलाने की
और कहना मीठा बोलने को
क्या करू , जिस शहर से हूँ
वहाँ की भाषा ही ऐसी हैं
और मीठा तो वहां का
सारे जग में प्रसिद
अरसे से चाह की और कोशिश भी
ढल जाऊ तुम्हारे मुताबिक और ढली भी
मैं जानती हूँ कितना भी कोशिश कर लूं
फिर भी कुछ कस र बची अभी
आज पसोपेश मैं हूँ
क्या खबर दूँ तुमको
मेरे मीठे होने से भी
तुम न खुश हो पाओगे
जब यह खबर तुम
अपने कानो में
सीसे सी
पिघलते पाओगे
अभी खून का परिक्षण कराया हैं
और मुझे उस में बहुत ही
मीठा बताया हैं .............................. नीलिमा ................
यह मीठा भोजन
यह बर्फी , सन्देश
लड्डू रसमलाई
कभी लुभा न पायी
नकली मीठे शब्द
मुझसे कभी बोले न गये
सीधी सच्ची खरी बात
मेरे लफ्जों से निकली
तुमको हमेशा एतराज रहा
मेरी इन्ही दोनों बातो पर
तुम्हारी जिद मीठा खिलाने की
और कहना मीठा बोलने को
क्या करू , जिस शहर से हूँ
वहाँ की भाषा ही ऐसी हैं
और मीठा तो वहां का
सारे जग में प्रसिद
अरसे से चाह की और कोशिश भी
ढल जाऊ तुम्हारे मुताबिक और ढली भी
मैं जानती हूँ कितना भी कोशिश कर लूं
फिर भी कुछ कस र बची अभी
आज पसोपेश मैं हूँ
क्या खबर दूँ तुमको
मेरे मीठे होने से भी
तुम न खुश हो पाओगे
जब यह खबर तुम
अपने कानो में
सीसे सी
पिघलते पाओगे
अभी खून का परिक्षण कराया हैं
और मुझे उस में बहुत ही
मीठा बताया हैं .............................. नीलिमा ................
मीठा होना तो ठीक है पर मीठा पाया जाना ठीक नहीं :):)
जवाब देंहटाएंवैसे आप कौन से शहर से हैं ? .....कहीं मेरठ से तो नहीं :):)
वहीं के लोगों को अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है .... मैं तो खुद ही भुक्तभोगी हूँ :)
मैं मुज़फ्फरनगर से हूँ संगीता जी .....शुक्रिया आपका मेरे ब्लॉग तक आने का
हटाएंहम्म । मुज्जफ़रनगर भी तो मेरठ से मिला हुआ ही है :):)
हटाएंजी हाँ .एक जैसे भाषा .और मुजफ्फरनगर का गुड तो सब जगह प्रसिद्ध हैं
हटाएंtake care
जवाब देंहटाएंget well soon
God Bless U
शुक्रिया विभा जी बस आपका आशीर्वाद चाहिए
हटाएंऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी...!!
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंअच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....नीलिमा जी !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंशुक्रिया भास्कर जी
जवाब देंहटाएंसही बात.. मीठी सिर्फ ज़बान रहे तो ही अच्छा है...
जवाब देंहटाएंअपना ख़याल रखिए...
shukriyaa parul
हटाएंbahut sunder......
जवाब देंहटाएंplz visit here...also..and follow it that will be my pleasure
http://anandkriti007.blogspot.com
शुक्रिया आनंद जी
हटाएंबहुत सुन्दर कविता नीलिमा | जय हो
जवाब देंहटाएंशुक्रिया तुषार जी
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