कहो तुम
कहो तुम
जो अनकहा रह गया हैं
मैं सुन रही हूँ
वोह सब भी
जो तुम कहकर नही
कह पा रहे हो
इतना ही तो फर्क हैं
तुझ में ,मुझ में
तुझे लफ्जों की जरुरत
मुझे पढने के लिय
मुझे सिर्फ तेरे सानिध्य की
सुनो
करीब से गुजर कर देखो
कल्पनाओ में भी
वोह सब भी पढ़ लूंगी
जो अभी सोचो
की परिधि में
आने को आतुर
होंगे भाव तुम्हारे .............................. ....... नीलिमा शर्मा Nivia
जो अनकहा रह गया हैं
मैं सुन रही हूँ
वोह सब भी
जो तुम कहकर नही
कह पा रहे हो
इतना ही तो फर्क हैं
तुझ में ,मुझ में
तुझे लफ्जों की जरुरत
मुझे पढने के लिय
मुझे सिर्फ तेरे सानिध्य की
सुनो
करीब से गुजर कर देखो
कल्पनाओ में भी
वोह सब भी पढ़ लूंगी
जो अभी सोचो
की परिधि में
आने को आतुर
होंगे भाव तुम्हारे ..............................
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