खामोश हूँ कि कहने को कुछ नही! खामोश हूँ कि कहने को बहुत कुछ !! Khamosh Hun Ki Kahne ko Kuch Nhi ! Khamosh Hun Ki Kahne ko Bahut Kuch!!! #नीलिमा ...
बहुत सुंदर रचना.
aabhar aapka
बहुत सुन्दर नई पोस्ट मन्दिर या विकास ?नई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
शुक्रिया कालीपद जी
सुन्दर भावाव्यक्ति..
शुक्रिया नीरज जी
क्या बात है,दिल के दर्द को कहा नहीं जाता,रोया जाता है.सत्य
शुक्रिया मन के - मनके
सुंदर प्रस्तुति...
शुक्रिया वानभट्ट जी
सच है ... आंसूं तो वो सब भी बयाँ कर देते है जो लब भी न कह पाते हैं ... इनको तो छुपाना ही पड़ता है अपनों से ... भाव पूर्ण ...
शुक्रिया दिगंबर जी
सुंदर रचना । बधाई आपको नीलिमा जी ।
शुक्रिया अन्नपूर्णा जी
बहुत सुंदर रचना !!
शुक्रिया रंजना जी
आभार
शुक्रिया सुषमा जी
आभार नीरज पाल
bahut sundar
शुक्रिया सविता जी
बहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंaabhar aapka
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मन्दिर या विकास ?
नई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
शुक्रिया कालीपद जी
हटाएंसुन्दर भावाव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया नीरज जी
हटाएंक्या बात है,दिल के दर्द को कहा नहीं जाता,रोया जाता है.
जवाब देंहटाएंसत्य
शुक्रिया मन के - मनके
हटाएंसुंदर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वानभट्ट जी
हटाएंसच है ... आंसूं तो वो सब भी बयाँ कर देते है जो लब भी न कह पाते हैं ... इनको तो छुपाना ही पड़ता है अपनों से ... भाव पूर्ण ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दिगंबर जी
हटाएंसुंदर रचना । बधाई आपको नीलिमा जी ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अन्नपूर्णा जी
हटाएंबहुत सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया रंजना जी
हटाएंआभार
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुषमा जी
जवाब देंहटाएंआभार नीरज पाल
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सविता जी
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