उमीद !!! कम से कम तुमसे !! ऐसे नही थी मुझे तुमसे उम्मीद ही नही थी फिर भी ना जाने क्यों एक आस विश्वास की तुमसे लगाये रहती हूँ दोस्ती के मायने तुम भूल जाओ वादा था न मेरा उम्र भर निभाने का कम से कम तुम्हारी उम्मीद तो पूरी होगी ................................ नीलिमा शर्मा
वाह ... बेहतरीन भाव संयोजन
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सदा जी
हटाएंबहुत सुंदर भाव.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया राजीव जी
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