नववर्ष की पूर्व संध्या

दिसंबर तेरा जाना 
 जनवरी तेरा आना 
 कुछ नया नही  तो 
 फिर भी 
 हम इस तरह 
इसे मनाते हैं 
 जैसे दुखो  के
 लम्बे प्रवास  बाद 
 सुख लौट के आते हैं 
 भूल जाते हैं 
 इस उन्माद में 
 दुःख  सुख तो 
 हमारे ही कर्मो
 के उधार खाते हैं 

 हे इश्वर नववर्ष की पूर्व संध्या पर  आपसे यही कामना हैं कि  मानवता  संवेदनशीलता का ह्रास न हो  और कम से कम  हम इंसान अपने किसी अपने  की आँखों में आंसू  लाने  का कारण न बने ...बाकि सब कर्मो का लेखा जोखा .................. २०१४ का वर्ष आप सभी के लिय शुभ हो  




आपका सबका स्वागत हैं .इंसान तभी कुछ सीख पता हैं जब वोह अपनी गलतिया सुधारता हैं मेरे लिखने मे जहा भी आपको गलती देखाई दे . नि;संकोच आलोचना कीजिये .आपकी सराहना और आलोचना का खुले दिल से स्वागत ....शुभम अस्तु

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    गये साल को है प्रणाम!
    है नये साल का अभिनन्दन।।
    लाया हूँ स्वागत करने को
    थाली में कुछ अक्षत-चन्दन।।
    है नये साल का अभिनन्दन।।...
    --
    नवल वर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं

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