सही वक़्त पे
कुछ कह देने से
बात बिगड़ जाएगी
चुप रहे शायद
बात सुधर जायेगी
बात बात की ही नही थी
उनके मूड की थी
उनकीमर्ज़ी हुयीतो
बिसर(विस्मरत) जायेगी
कितना मुश्किल होता
मौके तलाशना.
सही बात के
सही वक़्त पे
कहदेनेके.........
नीलिमाशर्मा
#निविया
आपका सबका स्वागत हैं .इंसान तभी कुछ सीख पता हैं जब वोह अपनी गलतिया सुधारता हैं मेरे लिखने मे जहा भी आपको गलती देखाई दे . नि;संकोच आलोचना कीजिये .आपकी सराहना और आलोचना का खुले दिल से स्वागत ....शुभम अस्तु
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 07 दिसम्बबर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंSahi baat neelu di
जवाब देंहटाएंSahi baat neelu di
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