सफ़ेद कुरता
अब तुम कही भी नही हो
कही भी नही
ना मेरी यादो में
न मेरी बातो में
अब मैं मसरूफ रहती हूँ
दाल के कंकड़ चुन'ने में
शर्ट के दाग धोने में
क्यारी में टमाटर बोने में
एक पल भी मेरा
कभी खाली नही होता
जो तुझे याद करूँ
या तुझे महसूस करू
मैंने छोड़ दिए
नावेल पढने
मैंने छोड़ दिए है
किस्से गढ़ने
अब मुझे याद रहता हैं बस
सुबह का अलार्म लगाना
मुंह अँधेरे उठ चाय बनाना
और सबके सो जाने पर
उनको चादर ओढ़ाना
आज तुमको यह कहने की
क्यों जरुरत आन पढ़ी हैं
सामने आज मेरी पुरानी
अलमारी खुली पड़ी हैं
किस्से दबे हुए हैं जिस में
कहानिया बिखरी सी
और उस पर मुह चिडाता
तेरा उतारा सफ़ेद कुरता भी
नही नही !!अब कही भी नही हो
न मेरी यादो में न मेरी बातो में
फिर भी अक्सर मुझको सपने में
यह कुरता क्यों दिखाई देता हैं ......
#nivia
#neelima
दाल के कंकड़ चुन'ने में
शर्ट के दाग धोने में
क्यारी में टमाटर बोने में
एक पल भी मेरा
कभी खाली नही होता
जो तुझे याद करूँ
या तुझे महसूस करू
मैंने छोड़ दिए
नावेल पढने
मैंने छोड़ दिए है
किस्से गढ़ने
अब मुझे याद रहता हैं बस
सुबह का अलार्म लगाना
मुंह अँधेरे उठ चाय बनाना
और सबके सो जाने पर
उनको चादर ओढ़ाना
आज तुमको यह कहने की
क्यों जरुरत आन पढ़ी हैं
सामने आज मेरी पुरानी
अलमारी खुली पड़ी हैं
किस्से दबे हुए हैं जिस में
कहानिया बिखरी सी
और उस पर मुह चिडाता
तेरा उतारा सफ़ेद कुरता भी
नही नही !!अब कही भी नही हो
न मेरी यादो में न मेरी बातो में
फिर भी अक्सर मुझको सपने में
यह कुरता क्यों दिखाई देता हैं ......
#nivia
#neelima
आपका सबका स्वागत हैं .इंसान तभी कुछ सीख पता हैं जब वोह अपनी गलतिया सुधारता हैं मेरे लिखने मे जहा भी आपको गलती देखाई दे . नि;संकोच आलोचना कीजिये .आपकी सराहना और आलोचना का खुले दिल से स्वागत ....शुभम अस्तु
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
आभार
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (20-07-2017) को ''क्या शब्द खो रहे अपनी धार'' (चर्चा अंक 2672) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार
हटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " "मैं शिव हूँ ..." - ब्लॉग बुलेटिन
जवाब देंहटाएं, मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आभार
हटाएंजो यादें यूँ मिट जाती किसी के मिटाने से --
जवाब देंहटाएंतो दर्द का नाम ही मिट जाता - जिन्दगी के अफ़साने से ----- नहुत सुंदर रचना आदरणीया -------
shukriyaa renu
हटाएंRenu Bala जी ने बहुत ही कम शब्दों में जिंदगी की हकीकत ब्यान की है--
हटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही गहरी अनुभूति को बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति दी है---सफेद कुरता एक यादगारी काव्य रचना है और सीधे दिल में उतरती है उसके बाद दिमाग इसको टटोलता है---इस सफल रचना के लिए हार्दिक बधाई-----
जवाब देंहटाएंइस रचना की चर्चा हिंदी स्क्रीन में भी है--नीलिमा शर्मा की काव्य रचना सफेद कुरता सीधा दिल में उतरती है: //hindiscreen.blogspot.com/2020/01/blog-post_8.html
जवाब देंहटाएंअपने इस ब्लॉग को अद्यतन कीजिए
जवाब देंहटाएंआप की रचनाएं में फेसबुक मे पढ़ती हूँ
2017के बाद कोई नई रचना नहीं आई है
सादर नमन