सिर्फ एक पल पहले आँगन में अपनी उदास अकेली मायूस नखरीली ख़ामोशी को पुकारा फिर पुचकारा तब सहलाया और दुलराया फिर अचानक आसमां को देख धूल धूसरित सा गुफ्तगू करने लगी हूँ खुद ही ख़ामोशी से । ख़ामोशी भी कितनी बातूनी हो जाती हैं मौका मिलते ही #निविया #कोईखुशबूउदासकरतीहै
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निविया (Nivia)
खामोश हूँ कि कहने को कुछ नही! खामोश हूँ कि कहने को बहुत कुछ !! Khamosh Hun Ki Kahne ko Kuch Nhi ! Khamosh Hun Ki Kahne ko Bahut Kuch!!! #नीलिमा ...
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