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खामोश हूँ कि कहने को कुछ नही! खामोश हूँ कि कहने को बहुत कुछ !! Khamosh Hun Ki Kahne ko Kuch Nhi ! Khamosh Hun Ki Kahne ko Bahut Kuch!!! #नीलिमा ...
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प्रस्तुतकर्ता
नीलिमा शर्मा Neelima Sharma
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बेहद मार्मिक ...यह व्यथा किसी भी औरत की हो सकती है ,जब तक के वह प्रतिकार ना करें.....
जवाब देंहटाएंसब कहते हैं सहना मजबूरी होती है .... प्रतिकार भी तो उतना ही जरुरी है ना .....
जवाब देंहटाएंहाँ ऐसा कुछ होता है, कभी कभी भारतीय महिलाओं के साथ...
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक चित्रण...
बहुत अच्छे ढंग से पेश किया...!
समाज, हम का कोई ओर ...
जवाब देंहटाएंप्रभावी ढंग से उठाया है इस बात को ..
shukriya mitro ....
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